
हल्द्वानी के निजी स्कूलों की मनमानी पर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है। अब कोई भी निजी स्कूल फीस या प्रवेश शुल्क बिना पैरेंट्स-टीचर्स एसोसिएशन (PTA) की खुली बैठक में सहमति लिए नहीं बढ़ा सकेगा। इसके अलावा, स्कूलों को अपनी फीस, किताबों, प्रवेश शुल्क और मान्यता की पूरी जानकारी वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध करानी होगी, जिससे अभिभावकों को पहले से सारी जानकारी मिल सके।
शिक्षा विभाग ने यूनिवर्सल स्कूल में निजी स्कूलों के लिए 17 बिंदुओं पर कार्यशाला आयोजित की। इसमें स्कूल प्रबंधकों को साफ निर्देश दिए गए कि अनावश्यक फीस न बढ़ाई जाए।
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) पीएल टम्टा ने चेतावनी दी कि यदि तीन प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ाई गई तो कार्रवाई होगी। साथ ही, स्कूलों को यह भी निर्देश दिए गए कि—
विद्यार्थियों पर किसी प्रकार का मानसिक बोझ न डालें।
कॉपी-किताब और ड्रेस खरीदने के लिए किसी खास दुकान का नाम न दें।
महंगी प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबें लेने का दबाव न बनाएं।
सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी ने कहा कि शिक्षा को व्यवसाय न बनाया जाए। लगातार स्कूलों की शिकायतें मिल रही हैं, यदि किसी स्कूल ने नियमों का उल्लंघन किया तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रमुख निर्देश:
कक्षा बदलने पर नहीं लगेगा प्रवेश शुल्क – अब एक ही स्कूल में कक्षा बदलने पर अलग से प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाएगा।
स्कूल बसों में CCTV कैमरे अनिवार्य – बसों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए गए। अन्य वाहनों से आने वाले विद्यार्थियों की जानकारी स्कूल के पास होनी चाहिए।
पैन नंबर से मिलेगा प्रवेश – अब छात्र-छात्राएं पर्सनल एजुकेशन नंबर (PAN) से स्कूल में एडमिशन ले सकते हैं। टीसी बाद में दी जा सकेगी।
आरटीई नियमों का कड़ाई से पालन अनिवार्य – सभी स्कूलों को शिक्षा अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए।
कार्यशाला में एसडीएम परितोष वर्मा समेत शहर के तमाम स्कूलों के प्रधानाचार्य और प्रबंधक मौजूद रहे।