
उत्तराखंड: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा में घोषणा की कि उत्तराखंड में अगले 60 दिनों के भीतर 1500 वार्ड बॉय की भर्ती की जाएगी, जबकि विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को अगले तीन वर्षों में दूर करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि इस साल से एमबीबीएस छात्र पीजी की पढ़ाई पूरी करके लौटने लगेंगे, जिससे राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या में सुधार होगा। सरकार ने खानपुर, डोईवाला, रायपुर और सितारगंज सहित कई स्थानों पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को उच्चीकृत कर उप-चिकित्सालय बनाने की योजना बनाई है।
राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सवाल उठाए और पहाड़ी क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं की बदहाली पर चिंता जताई। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने 272 फ्री जांच योजना के तहत एक साल में 26.77 लाख लोगों की नि:शुल्क जांच की है। इसके अलावा, राज्य में 1.5 लाख संस्थागत प्रसव कराए गए हैं। सरकार मोतियाबिंद ऑपरेशन, टीबी और एनीमिया जैसी बीमारियों का भी निशुल्क इलाज कर रही है।
उन्होंने कहा कि 2025-26 तक उत्तराखंड को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है और घर-घर जाकर जांच के लिए विशेष वाहन भी रवाना किए गए हैं। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि हरिद्वार मेडिकल कॉलेज फिलहाल पीपीपी मोड में संचालित नहीं किया जा रहा है।