
नैनीताल – होली महोत्सव की तैयारियों को लेकर नैनी महिला एवं बाल विकास समिति द्वारा सुखताल में विशेष होली कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में महिलाओं और युवतियों को होली गायन और पारंपरिक नृत्य का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। समिति की अध्यक्षा शैलजा सक्सेना ने बताया कि यह प्रशिक्षण एक सप्ताह से जारी है और इसमें स्थानीय महिलाओं की उत्साही भागीदारी देखने को मिल रही है।
कार्यशाला में महिलाओं को उत्तराखंड और ब्रज की पारंपरिक होली से जुड़े गीतों और नृत्यों का अभ्यास कराया जा रहा है। कुछ प्रमुख गीतों में शामिल हैं:
“सिद्धि के दाता विघ्न विनाशन, होली खेले गिरिजापति नंदन”
“आओ आओ बृजराज खेले होली”
“पीपल की पटिया झलके झालर, नाचत मोर”
“नदी यमुना के तीर”
साथ ही, होली पर आधारित पारंपरिक गढवाली, कुमाऊंनी और ब्रज नृत्य भी सिखाया जा रहा है।
इस कार्यशाला में मोहिनी, शांति, सुमन, अंजू, भावना, जया, गंगा, शालू, प्रेमा, गीता, प्रियांशी, रिया, अनीता, आकांक्षा, रीमा, रजनी समेत कई महिलाएं भाग ले रही हैं। प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं ने बताया कि होली के पारंपरिक गीतों और नृत्य की कला को सीखना उनके लिए एक अनूठा अनुभव है।
समिति की अध्यक्षा शैलजा सक्सेना ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि “होली सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि संगीत, नृत्य और सामूहिक उल्लास का पर्व भी है।”