
नैनीताल: कभी पर्यटकों की चहलकदमी से गुलजार रहने वाला नैनीताल इन दिनों वीरानी ओढ़े बैठा है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे इलाके की रफ्तार थाम दी है। तेज़ बारिश के कारण जगह-जगह पहाड़ दरकने लगे हैं, जिससे कई मार्गों पर मलबा आ गया है और रास्ते पूरी तरह बंद हो चुके हैं। कीचड़, पत्थर और जलभराव ने सड़कें असुरक्षित बना दी हैं। ऐसे में स्थानीय लोग भी बेवजह बाहर निकलने से परहेज़ कर रहे हैं।
पर्यटन पर भारी पड़ा मानसून
मानसून के मौसम में सैलानियों से भर जाने वाला नैनीताल इस बार सुनसान पड़ा है। होटल खाली हैं, पर्यटक नदारद हैं और जो लोग पहले से पहुंचे थे, वे भी जल्द लौटने लगे हैं। बुकिंग्स रद्द हो रही हैं और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। फिसलन और भूस्खलन के डर से कोई जोखिम उठाना नहीं चाहता। इससे होटल, रेस्टोरेंट, टूर गाइड और टैक्सी ऑपरेटरों की कमाई ठप हो गई है।
होटल-व्यापारियों के सामने रोज़गार का संकट
होटल व्यवसायियों और दुकानदारों के लिए यह सीजन कमाई का बड़ा मौका होता है, लेकिन इस बार उम्मीदें चूर-चूर हो चुकी हैं। होटल के कमरे खाली पड़े हैं, कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा जा रहा है और बाजारों में दिनभर सन्नाटा पसरा है। व्यापारी कहते हैं कि जिन दुकानों में कभी भीड़ लगी रहती थी, वहां अब एक भी ग्राहक नजर नहीं आता। हर दिन घाटा बढ़ रहा है और भविष्य की चिंता सबको सता रही है,अब सभी को मौसम सामान्य होने के बाद कुछ व्यापार होने की उम्मीद है..