
काशीपुर: उत्तराखंड पेयजल निगम के प्रभारी मुख्य अभियंता सुजीत कुमार विकास को गंभीर आरोपों के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि उन्होंने एक निजी फर्म को काम दिलाने के एवज में अपनी पत्नी की साझेदार फर्म के खाते में रुपये जमा कराए। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद की गई है।
पेयजल निगम के अध्यक्ष और सचिव बगौली द्वारा जारी निलंबन आदेश के अनुसार, काशीपुर के खड़कपुर देवीपुरा निवासी संजय कुमार ने 20 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनकी फर्म “हर्ष एंटरप्राइजेज” पेयजल योजनाओं में अनुबंध के आधार पर कार्य करती है। वर्ष 2022 में सुजीत कुमार विकास, जो उस समय देहरादून निर्माण मंडल के अधीक्षण अभियंता थे, ने उनकी फर्म को निगम में पंजीकरण कराने और काम दिलाने का भरोसा दिलाया।
शिकायत के अनुसार, जुलाई 2022 के पहले सप्ताह में संजय कुमार से पांच किश्तों में कुल 10 लाख रुपये एक बैंक खाते में जमा कराए गए। जांच में पता चला कि वह खाता “कुचु पुचु एंटरप्राइजेज” नामक फर्म का है, जिसमें सुजीत कुमार की पत्नी रंजु कुमारी भागीदार हैं। इस प्रकरण में 25 जून को सुजीत कुमार को जवाब देने के लिए पत्र भेजा गया था, जिसमें उन्हें 15 दिन का समय दिया गया, लेकिन उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया।
इस बीच, 14 जुलाई से उनके खिलाफ विजिलेंस विभाग द्वारा खुली जांच भी शुरू कर दी गई है। निलंबन आदेश में कहा गया है कि यह मामला अत्यंत गंभीर है, इसलिए सुजीत कुमार को उत्तराखंड पेयजल निगम की कार्मिक अनुशासन एवं अपील विनियमावली 2017 के विनियम-4 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उन्हें अब रुड़की स्थित मानव संसाधन प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के महाप्रबंधक कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।