
नई दिल्ली | देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में जुलाई से स्कूल खोलने की तैयारियों पर सवाल खड़े हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, यदि हालात नहीं सुधरे तो स्कूल खोलने का फैसला टल सकता है और एक बार फिर ऑनलाइन क्लासेस शुरू की जा सकती हैं।
ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट्स बने चिंता का कारण
इस बार की संभावित लहर के पीछे ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट्स—JN.1, NB.1.8.1, LF.7 और XFC—को जिम्मेदार माना जा रहा है। ये वेरिएंट्स तेजी से फैलते हैं, लेकिन अब तक इनसे गंभीर लक्षण सामने नहीं आए हैं। हालांकि बच्चों को लेकर चिंता बरकरार है, क्योंकि कई स्कूल 20 जून से एक्स्ट्रा क्लासेस की तैयारी कर रहे हैं।
WHO ने वेरिएंट्स को रखा निगरानी सूची में
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन वेरिएंट्स को वेरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग की सूची में रखा है। यानी ये फिलहाल अत्यधिक खतरनाक नहीं माने गए हैं, लेकिन इन पर नजर बनाए रखना जरूरी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वायरस पूरी तरह खत्म नहीं होगा और यह फ्लू की तरह समय-समय पर लौटता रहेगा।
केस बढ़े तो स्कूल खोलने का फैसला टल सकता है
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते हैं तो स्कूल खोलने की तिथि आगे बढ़ाई जा सकती है। शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य मंत्रालय हालात पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं।
दिल्ली और केरल में एक्टिव केस बढ़े
दिल्ली में बीते 24 घंटे में 42 नए केस सामने आए हैं। यहां वर्तमान में 728 एक्टिव केस हैं। हालांकि, 104 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। केरल में स्थिति ज्यादा चिंताजनक है। सोमवार सुबह तक 1957 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं, और 7 नए केस सामने आए हैं।