
नैनीताल: सावन मास भगवान शिव का अत्यंत प्रिय महीना माना जाता है। इस पूरे महीने में भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं, गंगाजल लाकर जलाभिषेक करते हैं और शिवलिंग की विशेष पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस पवित्र महीने में भगवान शिव स्वयं धरती पर आते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यही वजह है कि सावन में हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थलों पर शिवभक्तों का हुजूम उमड़ता है और कांवड़ यात्रा का आयोजन बड़े पैमाने पर होता है।
इस बार सावन की शुरुआत 10 जुलाई 2025 को गुरु पूर्णिमा के दिन हुई है और इसकी समाप्ति 12 अगस्त को होगी। इस बार कुल पांच सावन सोमवार पड़ रहे हैं, जो भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माने जा रहे हैं। शिव भक्त इन सोमवारों पर व्रत रखते हैं और भोलेनाथ का जल, दूध, शहद, बेलपत्र, धतूरा आदि से अभिषेक कर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करना अत्यंत सरल है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए एक लोटा गंगाजल भी पर्याप्त होता है। रुद्राभिषेक जैसी विशेष पूजा विधि शिव जी की कृपा प्राप्त करने का एक पवित्र साधन है। इसमें शिवलिंग पर विभिन्न पूजन सामग्रियों से अभिषेक किया जाता है।
सावन में धन प्राप्ति की इच्छा रखने वाले भक्तों के लिए भी उपाय बताए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करता है, तो उसकी आर्थिक समस्याएं दूर हो सकती हैं और उसे धन की प्राप्ति होती है।
इस मास का एक और धार्मिक महत्व है कि इस दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। इसलिए यह समय साधना, उपासना और पुण्य कर्मों के लिए सर्वोत्तम माना गया है। यही कारण है कि संत, साधु और भक्त इस महीने को विशेष रूप से श्रद्धा और भक्ति के साथ बिताते हैं। सावन का महीना केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आत्मिक शुद्धि और मानसिक शांति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।