
कोटद्वार, उत्तराखंड — बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में दो साल आठ महीने की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए तीनों दोषियों — पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता — को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है और पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का आदेश दिया है।
हालांकि, अदालत के इस फैसले से अंकिता के माता-पिता संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने इसे अधूरा इंसाफ बताया और दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की है।
अंकिता की मां ने कहा, “मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं। जब तक हत्यारों को फांसी की सजा नहीं दी जाती, तब तक न्याय अधूरा है। मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी के साथ जो हुआ, वह किसी और की बेटी के साथ न हो। इसके लिए हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे।”
अंकिता के पिता ने भी न्यायालय के फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा, “हमने शुरू से दोषियों के लिए फांसी की मांग की है। उन्होंने हमारी बेटी को जिस क्रूरता से मारा, उसके लिए मौत की सजा ही उचित होती।”
गौरतलब है कि सितंबर 2022 में यह मामला सामने आया था, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था। पुलकित आर्य, जो कि एक स्थानीय रिसॉर्ट का मालिक है, पर अंकिता की हत्या करने और सबूत मिटाने का आरोप था। मामले में जनआक्रोश और विरोध प्रदर्शन के बाद तेज़ी से जांच शुरू हुई और चार्जशीट दाखिल की गई थी।
परिजन अब उत्तराखंड हाईकोर्ट का रुख करेंगे, जहां वे दोषियों के लिए सजा में बदलाव की मांग करेंगे। यह मामला एक बार फिर न्याय प्रणाली की जटिलता और पीड़ित परिवार की भावनात्मक लड़ाई को सामने लाता है।