
देहरादून: उत्तराखंड कैबिनेट की अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में कुल 5 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इनमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण से जुड़ा रहा।
कैबिनेट ने तय किया कि अब मुस्लिम समाज के साथ-साथ सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी समुदायों को भी अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान का दर्जा मिलेगा। इसके लिए राज्य सरकार उत्तराखंड अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान अधिनियम, 2025 लाएगी। यह अधिनियम देश का पहला ऐसा कानून होगा, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षिक संस्थानों को पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण तरीके से मान्यता देना है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण का गठन होगा। यह प्राधिकरण अल्पसंख्यक संस्थानों को मान्यता देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता बनी रहे। संस्थानों को मान्यता पाने के लिए सोसाइटी एक्ट, ट्रस्ट एक्ट या कंपनी एक्ट के तहत पंजीकरण अनिवार्य होगा।
इसके अलावा, यदि किसी संस्थान में वित्तीय गड़बड़ी या सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली गतिविधियां पाई गईं, तो उसकी मान्यता रद्द की जा सकेगी।
कैबिनेट बैठक में UCC (समान नागरिक संहिता) के तहत होने वाले शादी रजिस्ट्रेशन की समयसीमा को जनवरी 2026 तक बढ़ाने का भी फैसला लिया गया।
साथ ही कई विधेयकों और सेवा नियमावली से जुड़े प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई, जिन्हें आगामी विधानसभा सत्र (19 अगस्त से शुरू) में पटल पर रखा जाएगा।