
रामनगर: उत्तराखंड में मानसून की बारिश अब कहर बनकर टूट रही है। एक ओर जहां पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़कों के बंद होने से जनजीवन प्रभावित है, वहीं दूसरी ओर नदी-नाले उफान पर हैं। रामनगर का पन्याली नाला एक बार फिर विकराल रूप में नजर आया। यहां एक बाइक सवार की जान बाल-बाल बची, लेकिन यह घटना खतरे की गंभीर चेतावनी दे रही है।
सोमवार को पन्याली नाले को पार करने की कोशिश में एक बाइक सवार मटमैले और तेज बहाव वाले पानी में फिसल गया। गनीमत रही कि वह किसी तरह खुद को संभाल पाया, वरना हादसा टलना मुश्किल था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हर साल मानसून के दौरान यह नाला उफान पर आ जाता है, लेकिन फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर इसे पार करने की कोशिश करते हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन की ओर से अब तक इस खतरनाक नाले पर न तो कोई पुल बनाया गया है और न ही कोई स्थायी वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इसके चलते हर साल ऐसे जोखिम भरे दृश्य सामने आते हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि मानसून से पहले इस मार्ग पर अस्थायी पुल या सुरक्षित रास्ते की व्यवस्था की जाए ताकि भविष्य में हादसों को रोका जा सके।
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा संवेदनशील स्थानों पर चेतावनी बोर्ड तो लगाए गए हैं, लेकिन लोग अब भी उन्हें नजरअंदाज करते हुए जान जोखिम में डाल रहे हैं। प्रशासन से यह भी अपेक्षा की जा रही है कि ऐसी जगहों पर निगरानी बढ़ाई जाए और नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए।