
नैनीताल: सरोवर नगरी नैनीताल की वादियों में हर साल देश-विदेश से लाखों सैलानी खिंचे चले आते हैं। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती, ठंडी आबोहवा और झीलों की रमणीयता पर्यटकों के मन को मोह लेती है। लेकिन बढ़ती पर्यटक भीड़ के बीच सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरती है – पार्किंग और ट्रैफिक जाम। अब इस समस्या से राहत दिलाने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है।
नैनीताल के मल्लीताल स्थित अशोक सिनेमा हॉल क्षेत्र में बहुमंजिला कार पार्किंग बनाने की योजना को मंजूरी मिल गई है। यह योजना ‘स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट’ यानी पूंजी निवेश के लिए राज्यों को दी जा रही विशेष सहायता योजना के तहत तैयार की गई है। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने 5 करोड़ रुपये के प्रस्ताव में से 2.86 लाख रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है।
इस पार्किंग भवन में एक साथ लगभग 200 वाहनों को खड़ा करने की सुविधा होगी। यह पार्किंग अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगी जिसमें सीसीटीवी निगरानी, ऑटोमेटिक टिकटिंग सिस्टम और 24 घंटे की सुरक्षा व्यवस्था शामिल होगी। इससे न केवल पर्यटकों को सुविधा होगी, बल्कि स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों को भी राहत मिलेगी।
गर्मियों, छुट्टियों और त्योहारों के सीजन में नैनीताल में यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है। मॉल रोड, मल्लीताल और तल्लीताल जैसे प्रमुख स्थानों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग जाती हैं। इस नई पार्किंग सुविधा के शुरू होते ही इन क्षेत्रों में लगने वाले जाम से निजात मिलने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। स्थानीय व्यापारी और नागरिक भी इस परियोजना को लेकर उत्साहित हैं। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट और व्यापारी त्रिभुवन फर्त्याल सहित अन्य लोगों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह पार्किंग शहर की सबसे बड़ी समस्या का स्थायी समाधान बन सकती है। उनका कहना है कि जाम की वजह से पर्यटक असुविधा महसूस करते हैं, जिससे व्यवसाय पर भी असर पड़ता है।
परियोजना का कार्य ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा और उस पर कड़ी नजर रखी जा रही है। ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के.के. जोशी ने बताया कि इस बहुमंजिला पार्किंग को अगले एक से डेढ़ साल के भीतर पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है
यह बहुमंजिला पार्किंग परियोजना ना केवल शहर की यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करेगी, बल्कि नैनीताल को पर्यटन के लिहाज़ से और भी अनुकूल बनाएगी। करीब 5 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह सुविधा एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है, जिससे हर साल आने वाले लाखों पर्यटकों और स्थानीय लोगों को स्थायी राहत मिलेगी।