
नैनीताल: गर्मियों की छुट्टियों में नैनीताल में पर्यटकों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। ठंडी आबोहवा और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर इस हिल स्टेशन पर हर साल हजारों सैलानी आते हैं, जिससे स्थानीय व्यापार को खासा लाभ होता है। लेकिन पर्यटन में इस उछाल के साथ एक अहम समस्या भी सामने आ रही है — बिना पंजीकरण के चल रहे होटल और होमस्टे।
प्रशासन और पर्यटन विभाग का एक्शन मोड
नैनीताल वंदना सिंह के निर्देश पर पर्यटन विभाग ने पूरे जिले में सर्वे अभियान शुरू कर दिया है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक अवैध रूप से चल रहे होटलों और होमस्टे की पहचान की जा रही है।
पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने बताया कि दर्जनों होटल और होमस्टे चिन्हित किए जा चुके हैं। भीमताल क्षेत्र में कई संचालकों को नोटिस भी भेजा गया है। यदि अब भी पंजीकरण नहीं कराया गया तो उन पर सीलिंग और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे होटल सरकार को राजस्व नुकसान पहुंचा रहे हैं, साथ ही सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधा जैसे मानकों की भी अनदेखी कर रहे हैं।
पर्यटन विभाग अब इन होटलों की भौगोलिक स्थिति, साफ-सफाई, सुरक्षा इंतजाम और रजिस्ट्रेशन स्थिति की पूरी जांच कर रहा है। इसके लिए टीमों को पुलिस और प्रशासन के साथ गांव-गांव भेजा जा रहा है।
सरकार चला रही होमस्टे योजना, फिर भी मनमानी
राज्य सरकार की ओर से होमस्टे योजना चलाई जा रही है, जिसमें पंजीकरण करने वाले व्यवसायियों को अनुदान और सहायता मिलती है। बावजूद इसके, कई लोग बिना रजिस्ट्रेशन के ही होमस्टे चला रहे हैं और योजना का अनुचित लाभ ले रहे हैं।
महत्वपूर्ण नियम:
होमस्टे उसी घर में चलाया जा सकता है, जहां मालिक खुद रहता हो। अगर सर्वे में मालिक मौजूद नहीं मिला, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
पर्यटन विभाग की अपील
पर्यटन विभाग ने होटल और होमस्टे संचालकों से स्वेच्छा से रजिस्ट्रेशन कराने की अपील की है, ताकि वे भविष्य की कार्रवाई से बच सकें और सरकारी लाभ भी ले सकें।
स्थानीय प्रतिक्रिया
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने कहा, “बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे होटलों की वजह से पूरी इंडस्ट्री की छवि खराब हो रही है। कई बार चेतावनी देने के बावजूद लोग रजिस्ट्रेशन नहीं करवा रहे — ऐसे लोगों पर अब कार्रवाई ज़रूरी है।”