नैनीताल,उत्तराखंड के हार्मिटेज, नैनीताल में आयोजित “ऊर्जा, कार्यात्मक सामग्री, अणु और नैनो टेक्नोलॉजी” पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हो गया। यह सम्मेलन 20 से 22 मार्च तक चला, जिसमें दुनियाभर से आए वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में उभरती तकनीकों, शोध पत्रों और औद्योगिक समन्वय पर चर्चा हुई।
1. शोध और उद्योग के बीच की खाई पाटने पर जोर
सम्मेलन के तीसरे दिन कनाडा से आए प्रधान संपादक पृथु मुखोपाध्याय ने “हस्तलिखित पांडुलिपि और स्वीकृति के रहस्य” विषय पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि उच्च गुणवत्ता वाले शोधपत्रों को कैसे प्रकाशित कराया जाए और कैसे शोध को औद्योगिक जरूरतों से जोड़ा जाए।
2. नई सामग्री विज्ञान में क्रांति की ओर बढ़ता शोध
सम्मेलन में डॉ. ई. भोजे गौड़ (सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम) ने नए पदार्थों के विकास और उनके औद्योगिक अनुप्रयोगों पर चर्चा की।
3. शोध में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार वितरण
इस अवसर पर विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ पोस्टर और मौखिक प्रस्तुति पुरस्कार प्रदान किए गए। विजेताओं को एसएसजेयू अल्मोड़ा के कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट और कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिवान सिंह रावत ने सम्मानित किया।
ऊर्जा श्रेणी:
दीक्षा भट्ट, नैनीताल
राहुल कुमार झा
दुष्यंत सूथार, पुणे
कार्यात्मक सामग्री श्रेणी:
प्रियंका हालसी, देहरादून
संजीब घोष, धनबाद
दिव्या महार, नैनीताल
4. नैनो टेक्नोलॉजी से भविष्य के समाधान
सम्मेलन के दौरान विशेषज्ञों ने नैनो पार्टिकल्स के शोध को बढ़ावा देने की सिफारिश की। इनका उपयोग जल शुद्धिकरण से लेकर सौर ऊर्जा तक में किया जा सकता है।
5. विज्ञान और प्रौद्योगिकी को नया आयाम देने की पहल
कुलपति प्रो. दिवान सिंह रावत ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन शोधकर्ताओं को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने में सहायक हैं। सम्मेलन के समापन पर सभी प्रमुख वैज्ञानिकों और अतिथियों को सम्मानित किया गया।
सम्मेलन संयोजक प्रो. नंदगोपाल साहू, प्रो. चित्रा पांडे, प्रो. महेश आर्या सहित कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने इसमें भाग लिया।