
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में लाखों लोगों के साथ सामूहिक योग किया. इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में योग की वैश्विक यात्रा को रेखांकित करते हुए कहा कि बीते दस वर्षों में योग ने पूरे विश्व में एक नई चेतना का संचार किया है. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा था, तो दुनिया के 175 से अधिक देशों ने इसका समर्थन किया था
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प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि दुनिया की बदलती परिस्थितियों में, जहां हर देश किसी न किसी तनाव से गुजर रहा है, योग मानसिक और भावनात्मक संतुलन का सर्वोत्तम साधन बन चुका है. योग एक ऐसा पॉज बटन है, जो मानवता को ठहरने, सोचने और संतुलन के साथ आगे बढ़ने की शक्ति देता है. उन्होंने बताया कि आज योग सीमाओं, जातियों, क्षमताओं और संस्कृतियों से परे हर इंसान के जीवन में अपनी जगह बना चुका है.
उन्होंने कहा कि इस साल योग दिवस की थीम ‘एक पृथ्वी के लिए योग, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ हमारे पर्यावरण और पारिस्थितिक तंत्र के गहरे जुड़ाव को दर्शाती है. योग न केवल व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक भलाई के लिए आवश्यक है, बल्कि यह धरती, जल, जीव-जंतु और संपूर्ण प्रकृति के साथ हमारे रिश्ते को भी मजबूत करता है. प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत आधुनिक वैज्ञानिक शोध के माध्यम से योग को वैश्विक मंच पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रमाणित कर रहा है. दिल्ली एम्स द्वारा किए गए अध्ययन बताते हैं कि योग हृदय रोग, मानसिक स्वास्थ्य और महिलाओं के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.