
नैनीताल, उत्तराखंड।
उत्तराखंड सरकार ने धर्म की आड़ में लोगों को गुमराह करने वाले फर्जी बाबाओं के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पूरे प्रदेश में “ऑपरेशन कालनेमि” तेज़ी से चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य है धर्म और आस्था का दुरुपयोग करने वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करना।
नैनीताल पुलिस का व्यापक अभियान
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा के नेतृत्व में नैनीताल जिले में इस विशेष ऑपरेशन को सख्ती से लागू किया गया। जिले के सभी थाना और चौकी क्षेत्रों में स्थित धार्मिक स्थलों, मंदिर परिसरों, डेरे, आश्रमों और सार्वजनिक स्थलों पर छानबीन की गई। तलाशी के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों के दस्तावेज और पहचान की गहराई से जांच की गई।
24 फर्जी बाबाओं की पहचान, 9 पर कार्रवाई
इस अभियान में कुल 24 ढोंगी बाबाओं की पहचान की गई, जिनमें से 9 के विरुद्ध पुलिस अधिनियम के अंतर्गत चालानी कार्रवाई की गई है।
क्षेत्र चिन्हित बाबा कानूनी कार्रवाई
काठगोदाम 03 01 के खिलाफ
मुखानी 01 01 के खिलाफ
कालाढूंगी 04 02 के खिलाफ
लालकुआं 07 02 के खिलाफ
रामनगर 10 03 के खिलाफ
सख्त संदेश: ढोंगियों को नहीं मिलेगी राहत
नैनीताल पुलिस ने साफ संदेश दिया है कि “धर्म की आड़ में ठगी या पाखंड करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।” भविष्य में ऐसी गतिविधियों में लिप्त किसी भी संदिग्ध को सीधे हिरासत में लिया जाएगा। ऐसे बाबाओं को न केवल चेतावनी दी गई है, बल्कि आगे किसी भी प्रकार की ठगी या शोषण की सूचना पर तत्काल गिरफ्तारी की कार्रवाई होगी।
जनता से अपील
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि:
किसी भी स्वयंभू बाबा या साधु की बातों में आकर मानसिक या आर्थिक शोषण का शिकार न हों।
किसी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की जानकारी तुरंत नजदीकी थाना या पुलिस चौकी को दें।
“सच्ची श्रद्धा का आधार जागरूकता है, अंधविश्वास नहीं।”आस्था की रक्षा के लिए प्रशासन सतर्क
उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि धर्म की पवित्रता और जनता की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। “ऑपरेशन कालनेमि” सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, बल्कि एक संदेश है कि अब समाज को ठगने वालों की जगह जेल में ही होगी।