
नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में पंचायत चुनावों को मानसून सीजन के कारण अगस्त के बाद कराने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि चुनाव कराने के लिए राज्य की सरकारी मशीनरी पूरी तरह से तैयार और सक्षम है। यह याचिका देहरादून निवासी डॉक्टर बैजनाथ द्वारा दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि मानसून, कांवड़ यात्रा और चारधाम यात्रा के चलते प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें आपदा राहत कार्यों में व्यस्त हैं, ऐसे में इस समय पंचायत चुनाव कराना सुरक्षित नहीं होगा।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने की। कोर्ट को जानकारी दी गई कि पुलिस महानिदेशक और सचिव पंचायतीराज से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी ली गई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि राज्य सरकार कांवड़ मेले और पंचायत चुनावों दोनों की व्यवस्थाएं कुशलता से संभाल रही है। उन्होंने बताया कि कांवड़ मेले के लिए प्रदेश की 30 प्रतिशत पुलिस बल तैनात की गई है, जबकि चारधाम यात्रा के लिए 10 प्रतिशत और पंचायत चुनावों के लिए अतिरिक्त 10 प्रतिशत बल रिजर्व में रखा गया है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल पूरी तरह से सतर्क है।
चुनाव आयोग ने भी अदालत को सूचित किया कि राज्य में चुनाव कराने में कोई व्यवधान नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि कांवड़ मेले में शामिल श्रद्धालुओं का पहला जत्था चुनाव की पहली तिथि से पहले ही वापस लौट जाएगा। सचिव पंचायतीराज ने बताया कि हरिद्वार में पंचायत चुनाव नहीं हो रहे हैं और कांवड़ यात्रा से प्रभावित हरिद्वार के आसपास के जिलों में चुनाव दूसरे चरण में कराए जाएंगे।
कोर्ट ने बुधवार को सरकार से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था, जो निर्धारित समय पर कोर्ट में प्रस्तुत की गई। सभी तथ्यों और दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने चुनावों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब राज्य में पंचायत चुनाव तय कार्यक्रम के अनुसार ही संपन्न होंगे।