नैनीताल:सरोवर नगरी नैनीताल की ताजगी और स्वच्छ वातावरण की कल्पना लेकर पहुंचे पर्यटकों को रविवार को भारी निराशा हाथ लगी। पूरा शहर जहरीली धुंध की चपेट में रहा। सुबह से लेकर देर शाम तक आसमान धुंध से ढका रहा और पहाड़ियों का दीदार तक मुश्किल हो गया।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (ARIES) के वरिष्ठ वायुमंडलीय विज्ञानी डॉ. नरेंद्र सिंह के अनुसार, जंगलों में लगी आग, वाहनों की अत्यधिक संख्या और तापमान में वृद्धि की वजह से वातावरण में प्रदूषक कण बढ़ गए हैं, जिससे हवा धुंधली हो गई है। उन्होंने बताया कि मैदानी इलाकों में तापमान बढ़ने पर वहां के प्रदूषण कण हवा के साथ ऊंचाई की ओर बढ़ जाते हैं और पर्वतीय क्षेत्रों तक पहुंचकर वहाँ की हवा को भी दूषित कर देते हैं।
रविवार को दोपहर तक स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पास की पहाड़ियां भी दिखाई देना बंद हो गईं और सूर्य की रोशनी तक धुंध में फीकी पड़ गई। पर्यटक इस दृश्य को देखकर हैरान थे, क्योंकि आमतौर पर नैनीताल का मौसम साफ और सुकून देने वाला रहता है।
डॉ. सिंह के मुताबिक, नैनीताल, मुक्तेश्वर और रामगढ़ जैसे पर्वतीय इलाकों में अब वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक हो चली है। पीएम 10 की मात्रा 90 और पीएम 2.5 की मात्रा 36 दर्ज की गई है, जो सामान्य से अधिक है। यह आंकड़े हवा की खराब गुणवत्ता को दर्शाते हैं।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जलवायु परिवर्तन के असर से हिमालयी क्षेत्र भी अब प्रदूषण से अछूते नहीं रहे। लगातार बढ़ते तापमान और कार्बन उत्सर्जन इस स्थिति को और गंभीर बना रहे हैं।