
नैनीताल: भीमताल स्थित एक नामी यूनिवर्सिटी में बीसीए द्वितीय वर्ष में पढ़ रही लखनऊ की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने सभी को झकझोर दिया है। सोमवार को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साफ हो गया है कि छात्रा की मौत फांसी लगाने से हुई थी। हालांकि, छात्रा के परिजन इस निष्कर्ष को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं और उन्होंने मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
घटना बुधवार की है जब छात्रा का शव उसके हॉस्टल के कमरे में संदिग्ध स्थिति में पाया गया। परिजनों का आरोप है कि उसे रैगिंग का सामना करना पड़ा था। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि बेटी ने घटना से एक दिन पहले डर और घबराहट भरा एक वीडियो उन्हें भेजा था।
जांच के दौरान पुलिस ने छात्रा के दोस्तों से पूछताछ की, लेकिन शुरुआती तौर पर रैगिंग की पुष्टि नहीं हो सकी। पुलिस ने छात्रा का पोस्टमार्टम हल्द्वानी में डॉक्टरों के एक पैनल से वीडियोग्राफी के माध्यम से करवाया, जबकि फॉरेंसिक टीम ने मौके से सबूत जुटाए और शव के महत्वपूर्ण हिस्सों को परीक्षण के लिए संरक्षित कर लिया।
एसपी क्राइम जगदीश चंद्र के अनुसार, अब तक की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह मामला आत्महत्या प्रतीत हो रहा है। मगर छात्रा के पिता का कहना है कि उनकी बेटी मानसिक रूप से मजबूत थी और वह ऐसा कदम नहीं उठा सकती। उन्हें शक है कि घटना के पीछे कोई गहरी साजिश हो सकती है।
फिलहाल पुलिस हॉस्टल के सीसीटीवी फुटेज, छात्रा के मोबाइल डाटा और अन्य संभावित सुरागों की गहनता से जांच कर रही है ताकि पूरे घटनाक्रम की सच्चाई सामने लाई जा सके।