
देहरादून: उत्तराखंड में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बीच साइबर ठग भी सक्रिय हो गए हैं। ठगों ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बताकर कुमाऊं क्षेत्र के दो भाजपा विधायकों को फोन किया और मंत्री बनाने का झांसा देकर पार्टी फंड में तीन-तीन करोड़ रुपये जमा करने की मांग की। संदेह होने पर विधायकों ने जब मामले की जांच की, तो यह कॉल फर्जी निकली।
नैनीताल की भाजपा विधायक सरिता आर्या को 13 फरवरी को एक फोन कॉल आया। विधायक के जनसंपर्क अधिकारी चंद्रशेखर गरवाल ने तल्लीताल थाने में शिकायत दी कि फोन करने वाले ने खुद को जय शाह बताया और कहा कि गृह मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मणिपुर मामले में व्यस्त हैं, इसलिए उत्तराखंड में मंत्री बनने के फैसले की जिम्मेदारी उन्हें (जय शाह को) सौंपी गई है। ठग ने 14 फरवरी को गृह मंत्री व राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बैठक कराने का झांसा दिया और मंत्री बनने के लिए तीन करोड़ रुपये की मांग की। विधायक सरिता आर्या ने जब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से संपर्क किया, तो उन्होंने ऐसी किसी बात से इनकार कर दिया। इसी तरह, 13 फरवरी को रुद्रपुर के भाजपा विधायक शिव अरोरा को भी अज्ञात नंबर से फोन आया। उस समय वह अपने सहयोगी अभिषेक मिश्रा के साथ एक कार्यक्रम में जा रहे थे। फोन करने वाले ने खुद को गृह मंत्री अमित शाह का बेटा जय शाह बताया और कहा कि वह लंदन से अदाणी के बेटे की शादी से लौट रहा है। करीब 14 मिनट 22 सेकेंड तक हुई बातचीत में दिल्ली की राजनीति और उत्तराखंड के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा हुई।
ठग ने दावा किया कि उत्तराखंड में तीन विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा, जिसमें उनका (शिव अरोरा का) नाम भी शामिल है। लेकिन इसके लिए तीन करोड़ रुपये पार्टी फंड में जमा करने होंगे। विधायक को इस पर शक हुआ, लेकिन उनके फोन पर कॉल रिकॉर्डिंग की सुविधा नहीं थी। इसलिए उन्होंने लाउडस्पीकर ऑन कर अपने सहयोगी अभिषेक के फोन से बातचीत रिकॉर्ड कर ली। इसके बाद विधायक की ओर से उनके सहयोगी अभिषेक ने रुद्रपुर कोतवाली में इसकी शिकायत दर्ज कराई। इस पूरे मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस सतर्क हो गई है और कॉल करने वालों की पहचान के लिए साइबर सेल को जांच में लगा दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की ठगी से बचने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों और आम जनता को सतर्क रहने की जरूरत है।