
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में हाल ही में आई भीषण बारिश और भूस्खलन ने सैकड़ों लोगों को फंसा दिया था। इन्हीं में गुजरात के अहमदाबाद की तीर्थयात्री श्रीमती धनगौरी बरौलिया और उनका परिवार भी शामिल था, जो गंगोत्री धाम की यात्रा पर निकले थे। तीन दिनों तक मार्ग बंद रहने के कारण वे अन्य यात्रियों के साथ राहत का इंतजार कर रहे थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चलाए गए रेस्क्यू अभियान के तहत 7 अगस्त को सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया। रक्षाबंधन से एक दिन पहले जब श्रीमती बरौलिया मुख्यमंत्री धामी से मिलीं, तो भावु
क होकर उन्होंने अपने आँचल का एक कोना फाड़ा और उसे राखी की तरह उनकी कलाई पर बांध दिया।
यह राखी केवल रेशम का धागा नहीं, बल्कि एक मां का आशीर्वाद, एक बहन का स्नेह और एक नागरिक का आभार थी। इस दृश्य को देखकर मौजूद अधिकारी, जवान और पत्रकार भी भावुक हो उठे।
सीएम धामी ने राखी बांधते हुए कहा, “राज्य का हर नागरिक मेरा परिवार है। जब तक आखिरी प्रभावित व्यक्ति सुरक्षित नहीं हो जाता, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे।”
धराली की इस घटना ने साबित कर दिया कि आपदा कितनी भी बड़ी क्यों न हो, मानवता और भाईचारा उससे कहीं ज्यादा मजबूत हैं। यह राखी सिर्फ मुख्यमंत्री की कलाई पर नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड की चेतना पर बंधी है।