रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में हुए दर्दनाक बस हादसे को 24 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन न तो अब तक लापता 9 तीर्थयात्रियों का पता चल पाया है और न ही उस बस का, जो गुरुवार सुबह अलकनंदा नदी में समा गई थी। गुरुवार सुबह करीब 7:30 बजे घोलतीर के पास हुआ यह हादसा प्रदेश के लिए एक गहरे जख्म जैसा बन गया है। हादसे के बाद से सेना, ITBP, SDRF, NDRF, स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन में जुटी हैं, लेकिन नदी के उफनते जलस्तर और मटमैले बहाव के चलते राहत व बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
हादसे में अब तक 3 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है 8 घायल, जिनमें 4 एम्स ऋषिकेश और 4 रुद्रप्रयाग अस्पताल में भर्ती 9 तीर्थयात्री लापता, जिनमें 5 राजस्थान, 3 गुजरात और 1 महाराष्ट्र से बस का अब तक कोई मलबा नहीं मिला सर्च टीमों को नदी की तेज धारा, उफान और गादभरे पानी से भारी परेशानी हो रही है। गोताखोरों की भी कोशिशें नाकाम हो रही हैं। अलकनंदा के तल में क्या छुपा है, ये जानना मुश्किल हो रहा है।
लापता लोगों :
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रवि भवसार (28), उदयपुर
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मौली सोनी (19), सूरत
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ललित कुमार सोनी (48), राजस्थान
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संजय सोनी (55), उदयपुर
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मयूरी (24), सूरत
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चेतना सोनी (52), उदयपुर
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चेष्ठा (12), सूरत
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रंजना अशोक (54), महाराष्ट्र
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सुशीला सोनी (77), उदयपुर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अपील:
मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को निर्देश दिए हैं कि पहाड़ी मार्गों पर चलने वाले सभी वाहनों की फिटनेस और सुरक्षा जांच सख्ती से की जाए। उन्होंने चेतावनी बोर्ड लगाने, पैरिफिट और रेलिंग की व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।