
नैनीताल, 10 जून – उत्तराखंड की वीरभूमि में मंगलवार शाम एक खास आयोजन देखने को मिला। राजभवन नैनीताल में “एक शाम सैनिकों के नाम” कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने वीरता पदक विजेताओं, पूर्व सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के जवानों को सम्मानित किया।
सम्मान, सराहना और प्रेरणा का संगम
कार्यक्रम में राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों को उनके सराहनीय योगदान के लिए प्रशंसा पत्र प्रदान किए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, उत्तराखंड केवल देवभूमि ही नहीं, वीरभूमि भी है। यहां की मिट्टी में राष्ट्रभक्ति घुली है। राज्यपाल ने बताया कि भारतीय सेनाओं में उत्तराखंड का योगदान लगभग 18% है, जो यह दर्शाता है कि यहां का हर गांव एक सैनिक तैयार करता है।
उन्होंने कहा कि “हर पाँचवां बलिदानी सैनिक उत्तराखंड से है, यह कोई संयोग नहीं, बल्कि इस राज्य के नागरिकों के भीतर गहराई से समाया देशप्रेम है।”
राज्यपाल ने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम उन शूरवीरों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, जिन्होंने देश की सेवा में अपना जीवन अर्पित किया।
ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा
राज्यपाल ने भारतीय सेना के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ का विशेष उल्लेख करते हुए सेना की रणनीतिक क्षमता, आधुनिक तकनीक और साहसिक जज्बे की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत अब आधुनिक युद्ध प्रणालियों और तकनीकी दक्षता से लैस है और हर चुनौती का डटकर मुकाबला करने में सक्षम है।