
नैनीताल: उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों ने कई चौंकाने वाले नतीजे दिए हैं। आम जनता ने राजनीतिक घरानों को स्पष्ट संदेश देते हुए कई बड़े नेताओं के परिजनों और समर्थकों को नकार दिया है। बीजेपी के तीन मौजूदा विधायकों के करीबी रिश्तेदारों को मतदाताओं ने चुनावी रण में मात दे दी।
विधायक सरिता आर्या के बेटे को मिली करारी शिकस्त
नैनीताल जिले की भवालीगांव जिला पंचायत सीट से बीजेपी विधायक सरिता आर्या के बेटे को करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी यशपाल आर्या ने करीब 1200 वोटों से हरा दिया।
सरिता आर्या पूर्व में कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं और 2022 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुई थीं। हालांकि, उनके राजनीतिक अनुभव और नेटवर्क के बावजूद वह अपने बेटे को जीत नहीं दिला सकीं।
भाजपा नेता और उनकी पत्नी दोनों चुनाव हारे
अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना ब्लॉक की नौगांव सीट से बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के मंडल अध्यक्ष संतोष कुमार राम 267 वोटों से हार गए। हैरानी की बात यह रही कि वो तीसरे स्थान पर रहे।
उनकी पत्नी पूजा देवी भी डूंगरलेख सीट से चुनाव हार गईं और तीसरे स्थान पर रहीं। यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
निवर्तमान अध्यक्ष बेला तोलिया को भी पराजय
नैनीताल जिले में भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य और निवर्तमान अध्यक्ष बेला तोलिया को भी हार का सामना करना पड़ा। रामड़ी आनसिंह सीट से निर्दलीय प्रत्याशी छवि बोरा कांडपाल ने बाज़ी मार ली। यह सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई थी।