देहरादून: उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ‘महिला सारथी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसके तहत अब महिला ड्राइवर महिला यात्रियों को उनकी मंज़िल तक सुरक्षित पहुंचाएंगी।
शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने इस योजना का उद्घाटन किया। आईआरडीटी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।इस योजना के तहत महिलाओं को प्रशिक्षित कर ड्राइविंग में दक्ष बनाया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे फिलहाल देहरादून में शुरू किया गया है, और आगामी छह महीनों में इसकी सफलता को देखते हुए इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
परिवहन क्षेत्र में अब तक पुरुषों का दबदबा रहा है, लेकिन महिला सारथी योजना महिलाओं को इस क्षेत्र में भी नई पहचान देने का काम करेगी। योजना के तहत चेंबर ऑफ बिज़नेस एंड एंटरप्रेन्योर (इंडिया) काउंसिल ने वाहनों की व्यवस्था की है। पहले सप्ताह महिला यात्रियों को मुफ्त यात्रा का लाभ मिलेगा।सरकार इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं को आसान शर्तों पर लोन देने की योजना भी बना रही है, जिससे वे अपने वाहन खरीदकर आत्मनिर्भर बन सकें। मंत्री रेखा आर्या ने कहा, “महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सबसे बड़ा योगदान खुद महिलाओं का होता है।”
कार्यक्रम के दौरान पांच उन महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में अपनी जगह बनाई और प्रेरणा का स्रोत बनीं।
महिला सारथी योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि यह सार्वजनिक परिवहन में महिला यात्रियों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगी। आने वाले समय में यह योजना महिलाओं के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकती है।