
श्रीनगर के नवनिर्वाचित पार्षद और राष्ट्रीय नेटबॉल खिलाड़ी सुमित बिष्ट ने खेल और समाजसेवा दोनों में अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया। 7 फरवरी का दिन उनके लिए खास रहा, क्योंकि इसी दिन उन्हें पार्षद पद की शपथ लेनी थी और उत्तराखंड की टीम को जीत दिलाने के लिए राष्ट्रीय खेलों में भी उतरना था। अपने समर्पण और मेहनत के दम पर सुमित ने दोनों भूमिकाओं को बखूबी निभाया।
श्रीनगर नगर निगम के वार्ड नंबर 31 से पार्षद चुने गए सुमित बिष्ट पेशे से वकील हैं। उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वकालत की प्रैक्टिस शुरू की, लेकिन खेल के प्रति उनके जुनून ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा दिया। तीन साल पहले दोस्तों के साथ नेटबॉल खेलना शुरू करने वाले सुमित अब उत्तराखंड की नेटबॉल टीम के अहम खिलाड़ी बन चुके हैं।
सुमित का मानना है कि खेल और समाजसेवा दोनों ही उनके लिए बराबर मायने रखते हैं। इसलिए उन्होंने पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ा और अपने वार्ड के विकास के लिए आगे आए। उनका कहना है कि अगर प्रदेश के लिए गोल्ड मेडल ले आते हैं, तो वार्ड के लिए पूरे पांच साल हैं, जिनमें वे जनता की सेवा कर सकते हैं।
7 फरवरी को जब श्रीनगर में महापौर और पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा था, तब सुमित देहरादून में कर्नाटक के खिलाफ नेटबॉल मैच में अपनी टीम के लिए संघर्ष कर रहे थे। उनकी शानदार खेल क्षमता के दम पर उत्तराखंड की टीम ने यह मुकाबला जीत लिया। इससे पहले भी सुमित कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं और फेडरेशन कप में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं।
सुमित बिष्ट की यह कहानी साबित करती है कि अगर जुनून और मेहनत हो तो इंसान एक साथ कई जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभा सकता है।