
नासा (NASA) की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और उनके साथी बुच विल्मोर (Butch Wilmore) आखिरकार फ्लोरिडा के तट पर सफलतापूर्वक लैंड कर गए। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेसएक्स क्रू-9 (SpaceX Crew-9) मिशन के तहत वापसी कराई गई। इस दौरान, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से धरती पर पहुंचने में 17 घंटे का समय लगा।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर केवल 8 दिनों के मिशन पर गए थे, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते उन्हें 9 महीने और 14 दिन अंतरिक्ष में बिताने पड़े। इस दौरान वे कई महत्वपूर्ण प्रयोगों में शामिल रहे और नासा के मिशन का हिस्सा बने रहे। उनकी वापसी का दृश्य बेहद खास था, क्योंकि जब उनका कैप्सूल समुद्र में उतरा, तो वहां डॉल्फिन्स का झुंड उनका स्वागत करता नजर आया।
जब उनका कैप्सूल पानी में उतरा, तो रिकवरी टीम ने तुरंत उन्हें निकालने का काम शुरू कर दिया। ऑपरेशन के दौरान, डॉल्फिन्स लगातार कैप्सूल के आसपास तैरती रहीं, मानो वे इस ऐतिहासिक क्षण की गवाह बनना चाहती हों। इसके बाद, रिकवरी पोत ने कैप्सूल को समुद्र से बाहर निकाला, और करीब 9 महीने बाद पहली बार इसका साइड हैच खोला गया। वहां मौजूद टीम ने सुनीता और बुच को कैप्सूल से बाहर निकालकर ह्यूस्टन भेज दिया, जहां वे 45 दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम में रहेंगे।
सुनीता विलियम्स की इस ऐतिहासिक वापसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया। पीएम मोदी ने एक पत्र लिखकर कहा,
“भले ही आप हजारों मील दूर रही हों, लेकिन भारत के लोग आपके अच्छे स्वास्थ्य और सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे थे। आपकी वापसी के बाद, हम भारत में आपसे मिलने के लिए उत्सुक हैं। भारत के लिए अपनी सबसे शानदार बेटियों में से एक की मेजबानी करना हमारे लिए गर्व की बात होगी।”
इस पत्र को नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो के जरिए भेजा गया। इसके साथ ही, भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी सोशल मीडिया पर पत्र साझा करते हुए सुनीता विलियम्स की उपलब्धि की सराहना की।
जब क्रू-9 अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना हुआ, तो वहां मौजूद बाकी अंतरिक्ष यात्रियों ने सुनीता और बुच को गले लगाकर विदाई दी। नासा ने भी इस भावुक पल का एक वीडियो साझा किया, जिसमें दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेसक्राफ्ट से अलग होते हुए देखा गया।