
नैनीताल आने वाले पर्यटकों के लिए इस बार का पर्यटन सीजन और भी खास होने वाला है। अब वे अपने काटेज में बैठे-बैठे ब्रह्मांड की खूबसूरती का दीदार कर सकेंगे। इसके साथ ही, कुमाऊं की महान दानवीर महिला जसुली देवी के ऐतिहासिक योगदान से भी रूबरू होने का अवसर मिलेगा।
तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद ताकुला में एस्ट्रो विलेज और सुयालबाड़ी में जसुली देवी धर्मशाला के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा हो चुका है। अब पर्यटन विभाग दोनों परियोजनाओं के संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया में जुट गया है।
एस्ट्रो विलेज में बने आठ विशेष काटेजों की छतों को पारदर्शी शीशे से बनाया गया है, जिससे पर्यटक अपने कमरे के भीतर से ही रात के समय चांद-तारों का नज़ारा कर सकेंगे। इस परियोजना को तीन साल पहले तत्कालीन डीएम धीराज गर्ब्याल की पहल पर शुरू किया गया था, जो अब मूर्त रूप ले चुकी है।
सुयालबाड़ी में स्थित जसुली देवी धर्मशाला, जो वर्षों से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थी, अब एक भव्य संग्रहालय और रेस्टोरेंट के रूप में विकसित हो चुकी है। यह संग्रहालय जसुली देवी के साथ-साथ कुमाऊं की ऐतिहासिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा। इसके अलावा, नदी किनारे बना रेस्टोरेंट पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अनूठा अवसर देगा।
इन दोनों पर्यटन स्थलों के विकसित होने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, साथ ही नैनीताल आने वाले पर्यटकों को एक नया और अनूठा अनुभव मिलेगा। पर्यटन विभाग का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द इन परियोजनाओं को संचालित किया जाए, ताकि यह क्षेत्र एक नए पर्यटन हब के रूप में उभर सके।