
हल्द्वानी: रेलवे भूमि पर बढ़ते अतिक्रमण को लेकर प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। जिलाधिकारी नैनीताल के निर्देश पर गठित संयुक्त समिति ने हल्द्वानी क्षेत्र में रेलवे भूमि का सीमांकन और अतिक्रमण सर्वेक्षण शुरू किया है। एसडीएम राहुल शाह के नेतृत्व में हुए इस निरीक्षण में राजस्व, रेलवे, नगर निगम, वन, विद्युत, खाद्य आपूर्ति और जल संस्थान विभागों की टीमें शामिल रहीं।
निरीक्षण के दौरान सामने आया कि पिछले 10–15 वर्षों में भारी अतिक्रमण हुआ है। खासकर उत्तराखंड राज्य से बाहर से आकर बसे लोगों ने यहां कच्चे निर्माण कर बाद में पक्के मकान खड़े कर लिए। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि रेलवे भूमि पर एक मस्जिद, एक मदरसा और एक मजार का अवैध निर्माण भी पाया गया। प्रशासन द्वारा पहले ही मदरसे को सील किया जा चुका है।
सर्वेक्षण में यह भी उजागर हुआ कि अधिकतर लोगों ने स्टाम्प पेपर या सादे कागजों पर बिना किसी वैध दस्तावेज के भूमि क्रय करने का दावा किया है, जिसका कोई रिकार्ड राजस्व विभाग में दर्ज नहीं है। ये सभी सौदे न केवल अवैध हैं, बल्कि शून्य घोषित किए जा सकते हैं।
रेलवे विभाग ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेज दिए हैं और तय समयसीमा में भूमि खाली करने का निर्देश दिया है। अनुपालन न होने पर रेलवे अधिनियम के अंतर्गत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व और रेलवे विभाग की संयुक्त टीम नाम, पता, निर्माण का प्रकार और अतिक्रमण की तिथि समेत पूरा विवरण तैयार कर रही है, जिसे जिलाधिकारी और रेलवे प्रशासन को सौंपा जाएगा।
इस कार्रवाई का उद्देश्य रेलवे की भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कर भविष्य की योजनाओं के लिए संरक्षित करना है।