
टिहरी: ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर भल्ले गांव के पास शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे परिवार की खुशियों को गम में बदल दिया। एक कार अनियंत्रित होकर 300 मीटर गहरी खाई में गिरते हुए सीधे अलकनंदा नदी में समा गई। इस हादसे में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौके पर मौत हो गई। मृतकों में एक दंपती, उनके दो मासूम बच्चे और एक युवक शामिल है। कार में सवार केवल एक महिला, अनिता देवी (45), इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई हैं, जिन्हें बेस अस्पताल श्रीनगर में भर्ती कराया गया है।

अनिता देवी की हालत स्थिर है, लेकिन उनका दिल टूटा हुआ है।
अस्पताल के एमएस डॉ. अजय विक्रम सिंह ने बताया कि महिला का हाथ फ्रैक्चर हुआ है और उनका इलाज हड्डी रोग विभाग में चल रहा है। परिजनों के अनुसार, अनिता देवी हादसे के बाद से बार-बार अपने बेटे आदित्य के बारे में पूछ रही हैं — उन्हें अब भी उम्मीद है कि उनका बेटा जिंदा है, जबकि सच यह है कि आदित्य भी इस हादसे में अपनी जान गंवा चुका है।
अनिता की छोटी बहन मीना गुसाईं अपने पति सुनील गुसाईं और दो बच्चों के साथ शादी समारोह में शामिल होने के लिए रुड़की पहुंची थी। वहां से उन्होंने अनिता और उनके बेटे आदित्य को साथ लिया और सभी एक ही गाड़ी में गांव के लिए रवाना हुए थे। उन्हें 13 अप्रैल को मेहंदी और 14 अप्रैल को बारात में शामिल होना था। लेकिन रास्ते में, भल्ले गांव के पास उनका वाहन गहरी खाई में गिर गया।
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सिर्फ एक शादी में जाने के लिए साथ निकला परिवार लौटकर कभी नहीं आएगा।
मीना गुसाईं के पति सुनील ने करीब छह महीने पहले कार बुक करवाई थी, और एक हफ्ता पहले ही वह नई कार उनके जीवन में आई थी। किसे पता था कि यही कार उनके पूरे परिवार के जीवन की आखिरी सवारी बनेगी। रिश्तेदारों ने बताया कि यह परिवार पहले भी त्रासदी का शिकार हो चुका है — वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा के दौरान भी वे संकट में फंसे थे, और तब सुनील के पिता लापता हो गए थे।