छत्तीसगढ़ के दिवंगत भाजपा विधायक भीमा मंडावी की 22 वर्षीय बेटी दीपा मंडावी का शव देहरादून के करनपुर स्थित एक पीजी में फंदे से लटका मिला। वह साईं इंस्टीट्यूट से फिजियोथैरेपी की पढ़ाई कर रही थी और हाल ही में अपने घर दंतेवाड़ा से लौटकर आई थी। घटना 26 जनवरी की शाम की है, जब दीपा की सहेली ने कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। खिड़की से झांकने पर दीपा को पंखे से लटका देखा गया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और दीपा को नीचे उतारा, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था, जिससे पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है। हालांकि, मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
पुलिस के अनुसार, दीपा कुछ दिनों से मानसिक तनाव में थी। उसकी सहेली ने बताया कि वह अक्सर अपने तनाव की बात किया करती थी। दीपा ने 2022 में साईं इंस्टीट्यूट में फिजियोथैरेपी कोर्स के लिए दाखिला लिया था और पढ़ाई के सिलसिले में देहरादून में रह रही थी।
घटना के बाद दीपा की मां ओजस्वी भीमा मंडावी, जो छत्तीसगढ़ महिला आयोग की सदस्य हैं, अपने परिजनों के साथ देहरादून पहुंचीं। पोस्टमार्टम के बाद दीपा का शव उनके परिवार को सौंप दिया गया, जिसे वे दंतेवाड़ा ले गए। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और घटना के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।