
बीते एक महीने में प्रदेशभर में अवैध मदरसों पर व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में देहरादून जिला प्रशासन ने सोमवार को सहसपुर स्थित एक मदरसे को अवैध निर्माण के चलते सील कर दिया। यह मदरसा बिना प्राधिकरण की अनुमति के एक अतिरिक्त मंजिल का निर्माण कर चुका था।
सरकार ने यह जानने के लिए भी जांच के आदेश दिए हैं कि इन मदरसों को संचालित करने और कर्मियों के वेतन आदि के लिए धन कहां से आ रहा है। यह जांच यह स्पष्ट करेगी कि कहीं इन संस्थानों को विदेशी फंडिंग तो नहीं मिल रही।
उत्तराखंड में वर्तमान में करीब 450 मदरसे पंजीकृत हैं, जो सरकार को अपने बैंक खाते, आय-व्यय का पूरा विवरण देते हैं। हालांकि, 500 से अधिक मदरसे बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं। सरकार ने इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के सत्यापन और आर्थिक स्रोतों की जांच के लिए जिला प्रशासन को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश से सटे इलाकों जसपुर, बाजपुर, किच्छा, काशीपुर, रुद्रपुर, गदरपुर, पछवादून और हरिद्वार में बिना पंजीकरण के कई मदरसों के खुलने की जानकारी सामने आई है। इन क्षेत्रों में अवैध मदरसों की बढ़ती संख्या सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय बनी हुई है।
अब तक कितने मदरसे सील हुए?
जिला | अवैध मदरसों की संख्या |
---|---|
ऊधमसिंह नगर | 64 |
देहरादून | 44 |
हरिद्वार | 26 |
पौड़ी गढ़वाल | 02 |
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में अवैध मदरसों, मजारों और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। अधिकारियों को इस संबंध में सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी अवैध गतिविधि पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके।