
नैनीताल: नगर पालिका द्वारा टोल शुल्क में की गई अत्यधिक वृद्धि को लेकर शहर के व्यापारी और स्थानीय लोग खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि यह निर्णय न केवल व्यापार को प्रभावित करेगा, बल्कि स्थानीय जनता की रोजमर्रा की जिंदगी को भी कठिन बना देगा।
व्यापारियों ने कहा कि नैनीताल जैसे पर्यटन आधारित शहर की अर्थव्यवस्था पहले से ही मौसम और अन्य कारणों से प्रभावित रहती है, ऐसे में लीज पर होटल-रेस्टोरेंट चलाने वाले छोटे व्यापारियों को शुल्क वृद्धि से भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। जो लोग अपनी आजीविका के लिए साधारण व्यापार कर रहे हैं, उनके सामने रोजमर्रा के खर्चों को चलाना भी मुश्किल हो जाएगा।
व्यापारियों ने आशंका जताई कि यदि इसी तरह का टैक्स हल्द्वानी नगर निगम या भवाली और भीमताल की नगरपालिकाओं ने भी लगा दिया तो एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने-जाने वाले नैनीताल वासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इससे स्थानीय जीवन और पर्यटन व्यवसाय दोनों प्रभावित होंगे।
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने नगर पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी से मांग की है कि इस शुल्क वृद्धि के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो वे विरोध प्रदर्शन और आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी नगर पालिका प्रशासन की होगी।
नैनीताल नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल ने ज्ञापन सौंपने आए लोगों को आश्वस्त किया कि मार्च से स्थानीय और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए वाहन पास बनाए जा रहे हैं और इस प्रक्रिया में कोई असुविधा नहीं हो रही है।
उन्होंने बताया कि माननीय न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में शुल्क दरों में बढ़ोतरी की गई है, लेकिन जनता की भावना को देखते हुए बोर्ड की आगामी बैठक में जनहित में पुनः दरों की समीक्षा की जाएगी।