
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं 21 फरवरी से 11 मार्च तक आयोजित की जाएंगी। इस बार परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं। परीक्षा केंद्रों की 100 मीटर की परिधि में धारा 163 लागू की गई है, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके।
संवेदनशील केंद्रों पर विशेष निगरानी
प्रदेशभर में कुल 1,245 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 165 संवेदनशील और 5 अति संवेदनशील केंद्र शामिल हैं। परीक्षा को नकल मुक्त और पारदर्शी बनाने के लिए प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। इसके अलावा, 49 एकल केंद्र और 1,196 मिश्रित केंद्र भी बनाए गए हैं।
परीक्षा कार्यक्रम और परीक्षार्थियों की संख्या
इस बार 10वीं में 1,36,688 और 12वीं में 1,09,099 छात्र परीक्षा देंगे। हाईस्कूल में 1,14,420 संस्थागत और 2,268 व्यक्तिगत परीक्षार्थी शामिल होंगे, जबकि इंटरमीडिएट में 1,05,298 संस्थागत और 4,401 व्यक्तिगत छात्र परीक्षा देंगे। सभी परीक्षाएं सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक एकल पाली में आयोजित होंगी। दिव्यांग परीक्षार्थियों को विशेष रूप से प्रति घंटे 20 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
केंद्रों का वितरण: टिहरी में सबसे अधिक, चंपावत में सबसे कम
उत्तराखंड बोर्ड सचिव विनोद कुमार सिमल्टी के अनुसार, इस बार टिहरी जिले में सबसे अधिक 135 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जबकि चंपावत जिले में केवल 42 परीक्षा केंद्र हैं। पूरे राज्य में 13 मुख्य संकलन केंद्र, 26 उप संकलन केंद्र और 29 मूल्यांकन केंद्र स्थापित किए गए हैं।
पारदर्शिता बनी प्राथमिकता
बोर्ड सचिव विनोद कुमार ने स्पष्ट किया कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए सख्त निगरानी रखी जाएगी। प्रशासन का मुख्य लक्ष्य परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है, ताकि छात्रों को बिना किसी बाधा के परीक्षा देने का अवसर मिल सके।