गणतंत्र दिवस समारोह 2025 के मौके पर उत्तराखंड की झांकी ने कर्तव्य पथ पर अपनी सांस्कृतिक विरासत और साहसिक खेलों की झलक पेश की। राष्ट्रीय रंगशाला शिविर, नई दिल्ली में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उत्तराखंड झांकी के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सभी का ध्यान आकर्षित किया। इस वर्ष परेड में 15 राज्यों की झांकियां शामिल की गईं, जिसमें उत्तराखंड की झांकी का स्थान चतुर्थ रहा। उत्तराखंड की झांकी की थीम इस बार “सांस्कृतिक विरासत और साहसिक खेल” रही। झांकी के अगले भाग में प्रदेश की प्रसिद्ध ऐपण कला का प्रदर्शन करते हुए पारंपरिक परिधान में एक महिला को दिखाया गया। यह उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
झांकी के ट्रेलर पार्ट में साहसिक खेलों और पर्यटन की गतिविधियों को प्रस्तुत किया गया। इसमें नैनीताल और मसूरी में हिल साइक्लिंग, फूलों की घाटी और केदारकांठा की ट्रैकिंग, औली में स्नो स्कीइंग, ऋषिकेश में योगा, बंजी जम्पिंग, जिप-लाइनिंग और रॉक क्लाइम्बिंग जैसी रोमांचकारी गतिविधियों को प्रमुखता से दर्शाया गया।
संयुक्त निदेशक एवं झांकी के नोडल अधिकारी केएस चौहान ने बताया कि यह झांकी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार तैयार की गई है। झांकी उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक पर्यटन को दर्शाती है, जो राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक होगी।
उत्तराखंड के 16 कलाकारों ने झांकी में भाग लिया, जिन्होंने प्रदेश की संस्कृति और कला को कर्तव्य पथ पर बखूबी प्रस्तुत किया। यह झांकी न केवल प्रदेश की धरोहर को प्रदर्शित करती है, बल्कि साहसिक पर्यटन के लिए देशभर के पर्यटकों को भी आकर्षित करने का संदेश देती है।