
कुमाऊं की पहली महिला टैक्सी चालक ने एक टैक्सी चालक को अनोखे तरीके से सबक सिखाया। महिला ने अपशब्द कहने पर टैक्सी चालक को पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद इस शर्त पर छोड़ने की बात कही कि वह 21 हजार रुपये अनाथ आश्रम को देगा, नहीं तो पांच घंटे थाने में बैठा रहेगा।
टैक्सी चालक माफी मांगता रहा। दो घंटे बाद एक पार्षद पति ने लिखित माफीनामा लिखवाकर दोनों के बीच समझौता कराया। वहीं पुलिस ने टैक्सी चालक का पुलिस एक्ट में पांच सौ रुपये का चालान किया।
रानीखेत में रहने वाली एक महिला टैक्सी चालक ने पुलिस को बताया कि वह रोडवेज बस अड्डे के पास सवारी भर रही थी। इसी बीच हल्द्वानी निवासी एक टैक्सी चालक ने उनके लिए अपशब्द कहे। महिला का कहना था कि सरकार महिला सम्मान की बात कहती है। कुछ टैक्सी चालक हमेशा महिलाओं का अपमान करने के लिए आतुर रहते हैं। इसलिए उसने टैक्सी चालक को सबक सिखाने के लिए पुलिस के हवाले किया।
जिस टैक्सी चालक को महिला ने कोतवाली पहुंचाया, उसके बचाव में कई और टैक्सी चालक भी पहुंच गए और माफी मांगने लगे। महिला का कहना था कि नवरात्र के दिन उसका अपमान किया गया है। उसके उपवास चल रहे हैं। इसलिए चालक को अब इस गलती के लिए 21 हजार रुपये अनाथ आश्रम के नाम करने होंगे, या फिर पांच घंटे तक हवालात में रहना होगा।
इधर, टैक्सी चालक का कहना था कि उन्होंने महिला के लिए कोई अपशब्द नहीं कहे। उन्हें जबरदस्ती फंसाया जा रहा है। महिला सुबह 10 बजे सवारी भर रही थी, जबकि पहाड़ की सवारी भरने का समय 11 बजे के बाद का है। विरोध करने पर महिला ने उसे पुलिस के हवाले करा दिया। दो घंटे चले ड्रामे के बाद पार्षद पति हेमंत साहू पहुंचे और दोनों के बीच लिखित में माफीनामा करवाकर मामला शांत कराया।